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Bholenath mahashivratri 2022

 

Bholenath mahashivratri 2022

 

Mahashivratri 2022: शिव भगवान (भोलेनाथ)(Lord Shiv) और पार्वती माता के मिलन का दिन महाशिवरात्रि इस साल 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव ( भोलेनाथ )और माता पार्वती का विवाह हुआ था। हिंदू पंचाग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। भगवान शिव (भोलेनाथ)(Lord Shiv) को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीजें पूजा के समय उन्हें भेंट करनी चाहिए। वहीं कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिसे भगवान भोलेनाथ की पूजा करते भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए।

Happy Maha Shivratri 2022: शिवरात्रि यूं तो हर महीने आती है। लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एक बार ही आती है और इस पर्व को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त गण भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अपने- अपने तरीके से पूजा- अर्चना करते हैं। इस साल 2022 में महाशिवरात्रि 1 मार्च यानि कि मंगलवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि का पर्व का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति के मिलन की रात है। इस दिन सभी शिव मंदिरों में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक चलता है और भक्त गण इस दिन व्रत भी रखते हैं। लेकिन आपको क्या आपको पता है महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। इसके पीछे क्या घटना है…

पुराणों में महाशिवरात्रि मनाने के पीछे एक कहानी है जिसके अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवतागण एवं असुर पक्ष अमृत प्राप्ति के लिए मंथन कर रहे थे, तभी समुद्र में से कालकूट नामक भयंकर विष निकला। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने भयंकर विष को अपने शंख में भरा और भगवान विष्णु का स्मरण कर उसे पी गए। भगवान विष्णु अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं। उन्होंने उस विष को शिवजी के कंठ (गले) में ही रोककर उसका प्रभाव समाप्त कर दिया। विष के कारण भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया और वे संसार में ‘नीलंकठ’ के नाम से प्रसिद्ध हुए। कहते हैं उस दिन फाल्‍गुन मास की चतुर्दशी ही थी।

महाशिवरात्रि 2022: उपवास से जुड़े नियम और व्रत के अनुकूल व्यंजन

महाशिवरात्रि के दिन, कई भक्त भगवान शिव की तपस्या के रूप में उपवास रखते हैं. कुछ लोग अपनी भक्ति के प्रदर्शन के रूप में एक सख्त ‘निर्जला’ उपवास का पालन करते हैं, पूरे दिन पानी या भोजन से परहेज करते हैं. अन्य लोग ‘फलाहार’ व्रत का पालन करते हैं जिसमें सिर्फ फल और दूध का सेवन करना शामिल है. इस महाशिवरात्रि व्रत के हिस्से के रूप में बेर, केला, सेब और संतरे जैसे फल खाए जा सकते हैं. हालांकि, ऐसे उपवास सभी के लिए सही नहीं हो सकते हैं, खासतौर वृद्धों के लिए, जो बीमार हैं, या गर्भवती महिलाओं के लिए.महाशिवरात्रि पर भक्त हल्का सात्त्विक भोजन भी कर सकते हैं. साबूदाना और कुट्टू व्रत के अनुकूल व्यंजनों में उपयोग की जाने वाली लोकप्रिय सामग्री हैं. इसके अलावा दही, दूध और दूध से बने उत्पाद का सेवन कर सकते हैं.

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